भारतीय जनता पार्टी संगठन चुनाव के बहाने पार्टी कार्यकर्ताओं को चार्ज करने में लगी है। प्रदेश के 24 हजार 110 बूथों में चुनाव चल रहे हैं। 30 नवंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद एक से 15 दिसंबर तक मंडल और 30 दिसंबर तक सभी जिलों में चुनाव करा लिए जाएंगे।
प्रदेश के 33 जिलों में चुनाव के लिए 12 आब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे। चुनाव के माध्यम से कई जिलों के अध्यक्षों के बदले जाने के संकेत हैं। वहीं 22 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में प्रदेश बॉडी के चुनाव का फार्मूला तय किया जाएगा। दरअसल सदस्यता अभियान के साथ भी भाजपा संगठन चुनाव भी करवा रही है। इसे भाजपा नेताओं ने संगठन पर्व नाम दिया है। इसके तहत कोशिश की जा रही है कि जहां तक हो आपसी सामंजस्य के साथ पदाधिकारियों की नियुक्तियां की जाए। यदि ऐसा संभव न हो तभी वहां चुनाव कराए जाएं। प्रदेशभर में 50 फीसदी मंडल के चुनाव पूरे हो जाने के बाद से जिलों के चुनाव शुरु हो जाएंगे।
22 दिसंबर को दिल्ली में तय होगा प्रदेश बॉडी के चुनाव का फार्मूला
प्रभावशाली पदाधिकारियों को देंगे चुनाव का जिम्मेदारी जिलों के आर्ब्जवर की भूमिका में प्रदेश बॉडी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी सकती है। इसमें ऐसे लोगों को महत्व दिया जाएगा जो प्रभावशाली हों तथा जिनके पास संगठन में लंबे समय तक काम करने का अनुभव हो। ताकि उनकी बातों को जिले के कार्यकर्ता सुने और उसका सम्मान करें ताकि सर्वसम्मति से सामंजस्य बिठाकर नियुक्तियां की जा सके।
सदस्यता और सक्रिय सदस्यता की तिथि नहीं बढ़ेगी, 30 नवंबर को होगी समीक्षा
भाजपा का सदस्यता और सक्रिय सदस्यता अभियान 30 नवंबर को खत्म हो जाएगा। इसके बाद इसकी तिथि और नहीं बढ़ाई जाएगी। पार्टी ने प्रदेश में 60 लाख सदस्य तथा एक लाख सक्रिय सदस्य बनाने का टारगेट रखा है। भाजपा अपने लक्ष्य के लगभग करीब पहुंच गई है। इसलिए अब इस तिथि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। 30 नवंबर को राजधानी रायपुर में बैठक कर सदस्यता अभियान की समीक्षा की जाएगी।
मंडल के बाद होंगे जिलों के चुनाव
बूथ और मंडल स्तर के संगठन चुनाव के बाद जिलों के चुनाव होंगे। इस दौरान कई जिलों के अध्यक्ष के बदले जाने की चर्चा भी चल रही है क्योंकि नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से यह लंबित था। चुनाव के बहाने से नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। भाजपा नए चेहरों के साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के मैदान में उतरेगी।