खैबर पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के कुर्रम जिले में 1 जनवरी को हुए शांति समझौते के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं देखा गया है। पैराचिनार, जो लंबे समय से बाकी प्रांतों से कटा हुआ था, अब भी पूरी तरह से अलग-थलग पड़ा हुआ है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एक काफिला जो जरूरी सामान लेकर पैराचिनार जा रहा था, हमले का शिकार हो गया है और अब वह थल में फंसा हुआ है। काफिले को सुरक्षित रास्ते का इंतजार है।
शनिवार को काफिले पर बैगन क्षेत्र में हमलावरों ने हमला किया था, जिसमें कुर्रम के डिप्टी कमिश्नर घायल हो गए थे। इस हमले के बाद काफिला वहीं रुक गया और सड़कें बंद हो गईं, जिसके कारण इलाके में खाद्य सामग्री, दवाइयों और अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी हो गई है। लगभग 5 लाख लोग कुर्रम क्षेत्र में इस संकट का सामना कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री ने सरकार पर बोला हमला
पूर्व मंत्री साजिद तुरि ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह काफिले को पैराचिनार तक सुरक्षित पहुंचाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द इसे हल नहीं करती, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। तुरि ने सरकार के कमजोर रुख की आलोचना की और कहा कि वह ऐसी स्थिति में वार्ता कर रहे हैं, जहां कोई ठोस समाधान सामने नहीं आ पा रहा है।
93 दिन से नाकाबंदी जारी
कुर्रम में 93 दिनों से जारी इस नाकेबंदी के कारण बाजार पूरी तरह से खाली हो गए हैं और स्थानीय लोग परेशान हैं। काफिले में शामिल वे वाहन जो खराब होने वाले सामान लेकर जा रहे थे, पहले ही लौट चुके हैं, लेकिन अन्य वाहन अभी भी स्थिति के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं।
स्थानीय नेताओं और सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। काफिले को आगे बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने कई बैठकें की हैं, लेकिन इन प्रयासों का कोई खास असर नहीं हुआ, जिससे स्थानीय लोग निराश हैं और उन्हें जल्दी समाधान की उम्मीद है।