छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (Cg Lok Sewa Aayog News)की परीक्षाओं में अब मुन्नाभाई यानी किसी परीक्षार्थी की जगह दूसरे व्यक्ति का परीक्षा देना लगभग नामुमकिन होगा।
दरअसल, पीएससी ने परीक्षा हॉल में परीक्षार्थियों के फोटो और फिंगर प्रिंट का मिलान एआई तकनीक से करने की शुरुआत की है। इसमें हर परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र पर चस्पा फोटो का मिलान परीक्षा हॉल में लाइव खींचे गए फोटो से किया जाता है।
एआई चेहरे के 102 बिंदुओं का मिलान करता है। फोटो मैच नहीं होने पर देशभर की परीक्षाओं में शामिल रह चुके 5 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के फोटो से मिलान करने की भी व्यवस्था की गई थी।
पीएससी ने 1 सितंबर को परिवहन निरीक्षक तकनीकी की परीक्षा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की है।
पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (Cg Lok Sewa Aayog News) की छवि परीक्षार्थियों के साथ ही आम नागरिकों में बिगड़ चुकी है। पिछली कुछ परीक्षाओं को लेकर विवाद तो देशभर में चर्चित रहा है।
इसी कारण पीएससी ने अब अपनी छवि बदलने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए हैं। इसकी शुरुआत परीक्षा हॉल में मुन्ना भाई या नकली परीक्षार्थियों का प्रवेश रोकने की दिशा में एआई तकनीक के उपयोग से की गई है।
इस तकनीक के उपयोग से सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी परीक्षा में प्रवेश पत्र भरने वाला परीक्षार्थी ही पर्चा हल करे।
उसकी जगह कोई और परीक्षा हॉल में एंट्री न कर सके। युवाओं का भविष्य गढ़ने वाला यूपीएससी भी अब विवादों में आ गया है।
यहां तक कि मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपनी पड़ी है। हालांकि यह पहली बार नहीं है।
2005 की राज्य सेवा परीक्षा को लेकर हुए विवाद में तो वर्ष 2017 में हाई कोर्ट का फैसला ही सीजी पीएससी के खिलाफ हुआ था। केस फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
मैच नहीं होने पर 5 लाख फोटो से मिलान की थी व्यवस्था
परीक्षा हॉल में किसी परीक्षार्थी का फोटो मैच नहीं होने की स्थिति में अब तक देश में हुई परीक्षा में शामिल रह 5 लाख परीक्षार्थियों के फोटो से मिलान करने की व्यवस्था पीएससी ने कर रखी थी।
लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी। पीएससी ने अगले चरण की परीक्षाओं के लिए इस परीक्षा में लिए गए फोटो और फिंगर प्रिंट सुरक्षित रखे हैं।
16 केंद्रों में एआई से चार स्तरीय जांच
पीएससी (Cg Lok Sewa Aayog News) ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत परिवहन निरीक्षक तकनीकी की 1 सितंबर को हुई परीक्षा में एआई तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत की।
प्रदेश के 16 केंद्रों में प्रवेश पत्र की क्यूआर स्कैनिंग कर वैधता जांची गई। इसके बाद परीक्षा हॉल में बायोमेट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों के फोटो और फिंगर प्रिंट लिए गए। एआई तकनीक से हॉल में लिए गए फोटो और प्रवेश पत्र पर चस्पा फोटो का मिलान किया गया। एआई ने चेहरे के 102 बिंदुओं से फोटो का मिलान किया।
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