बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती परीक्षा में एक और गड़बड़ी का मामला सामने आया है। साक्षात्कार के समय मूल स्थायी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए बिना ही एक छात्र का मेरिट में चयन कर दिया गया। इस चयन को याचिकाकर्ता दिग्विजय दास सिरमौर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने CGPSC को नोटिस जारी करते हुए पूरा रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को तय की गई है।
याचिकाकर्ता दिग्विजय दास सिरमौर ने कहा कि विज्ञापन की शर्तों के क्लाज 10 (डी) में स्पष्ट रूप से लिखा है कि उम्मीदवार को इंटरव्यू के समय SDM द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाणपत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उम्मीदवार की उम्मीदवारी स्वतः रद्द मानी जाएगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता वाय सी. शर्मा, जो याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे हैं, ने कोर्ट को बताया कि चयनित उम्मीदवार प्रदीप कुमार सोनकर ने इंटरव्यू के समय मूल जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया और बाद में भी कोई मान्य प्रमाणपत्र नहीं दिया। ऐसे में उनकी उम्मीदवारी पहले ही निरस्त हो जानी चाहिए थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की बेंच ने CGPSC से पूछा कि क्या प्रदीप कुमार सोनकर ने इंटरव्यू के समय मूल स्थायी जाति प्रमाणपत्र दाखिल किया था या नहीं। कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी कर पूरा रिकार्ड और नोटशीट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
यह मामला CGPSC की पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। हाईकोर्ट की कार्रवाई से यह स्पष्ट होगा कि नियमों का पालन हुआ है या उम्मीदवार का चयन अनुचित तरीके से हुआ है।