छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: बिजली, शराब और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर घिरेगी सरकार

Chhattisgarh Growth and Stability Fund Bill 2025 passed in the Assembly

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू हो गया है, जो 18 जुलाई तक चलेगा। विपक्ष कांग्रेस ने सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बना ली है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि पहले ही दिन खाद और बीज की कमी पर स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। डॉ. महंत ने कहा कि विधायक आक्रामकता के साथ सदन में उतरेंगे और जनता से जुड़े हर मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे।

विपक्ष की तैयारी के जवाब में बीजेपी विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई। संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के पास अब मुद्दे नहीं बचे हैं, जबकि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि शराब घोटाला और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर कांग्रेस खुद फंस चुकी है।

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बताया कि आज राज्य में किसान परेशान हैं, युवा बेरोजगार हैं, नकली शराब बिक रही है और रेत माफिया सक्रिय हैं। इन सभी मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा। वहीं, डॉ. महंत ने कहा कि बिजली दरें बढ़ने, स्कूलों का युक्तियुक्तकरण, शराब दुकानों की संख्या में इजाफा और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा।

996 सवाल लगाए विधायको ने

इस सत्र में कांग्रेस विधायकों ने 996 सवाल लगाए हैं, जिससे साफ है कि बहस तीखी होगी। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब सरकार अनुपूरक बजट पेश नहीं कर रही है। वित्तीय स्थिति को मजबूत बताते हुए सरकार ने आकस्मिकता निधि को 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ कर दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि डेढ़ साल बाद कांग्रेस अब सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाकर आक्रामक तेवर दिखा रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि वह सदन में हर सवाल का जवाब देने को पूरी तरह तैयार है।

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