छत्तीसगढ़ में दो दशक में मानसून की पांचवीं सबसे अच्छी बारिश

Rain clouds will gather again in Chhattisgarh, and the weather will remain changeable for the next 4 days.

मानसून ने इस साल छत्तीसगढ़ को भरपूर पानी दिया है। 8 जून को मानसून की प्रदेश में दस्तक हो गई थी। जून में थोड़ी कम बारिश हुई। जुलाई का पहला पखवाड़ा भी कमोबेश सूखा रहा। 18 जुलाई से मानसून ने जो रफ्तार पकड़ी वजह सितंबर तक नहीं थमी।

सीजन खत्म होने के चार दिन पहले यानी 26 सितंबर को ही 1200 मिमी बारिश का लेवल पार कर दिया। पिछले दो दशक में ऐसा सिर्फ पांचवीं बार हो पाया है। प्रदेश में अच्छी बारिश का सीधा ताल्लुक अर्थव्यवस्था और जनजीवन से है। अच्छी बारिश होने पर कृषि उत्पादन इस साल अच्छा रहने की उम्मीद है।

नदी-नालों में भरपूर पानी के साथ ग्राउंड वाटर लेवल भी अच्छा रहा। मानसून से जुड़ा कारोबार राजधानी समेत पूरे प्रदेश में खूब फला-फूला। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में मानसून सीजन यानी 1 जून से 30 सितंबर तक 1139.4 मिमी बारिश होती है। 1200 मिमी या उससे ज्यादा बारिश होना यानी समृद्ध मानसून का संकेत है। इसलिए राज्य के किसी जिले में इस साल ना तो अतिवृष्टि की स्थिति रही और ना ही कहीं पर सूखा पड़ने की सूचना है।

16-18 जून को आए मानसून से ज्यादा वर्षा

आंकड़ों के अनुसार 16 से 18 जून के बीच आए मानसून ने अच्छी बारिश कराई है। 2022 में 16 जून को मानसून आया और 1266.1 मिमी बारिश हुई। 2012 में 18 जून को आया और 1230.7 मिमी तथा 2011 में 17 जून को दाखिल हुआ और 1212.2 मिमी बारिश कराई।

इस साल मानसून 8 जून को पहुंच गया था। इसलिए अच्छी बारिश की उम्मीद थी। आगमन के बाद कुछ समय तक मानसून ब्रेक के हालात बन गए थे। 18 जुलाई के बाद ही मानसून की गतिविधियां तेज हुई। अच्छा यह रहा कि रफ्तार पकड़ने के बाद मानसून ने फिर आराम नहीं किया। हर थोड़े अंतराल में कुछ सिस्टम बनते गए। इससे लगातार बारिश होती रही।

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