छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला राष्ट्रपति ध्वज सम्मान, दिसंबर में होने वाले अलंकरण समारोह की तैयारी शुरू

छत्तीसगढ़ पुलिस को राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज सम्मान मिला है। यह किसी भी राज्य की पुलिस को मिलने वाला सर्वोच्च सम्मान है। दिसंबर में आयोजित होने वाले इस अलंकरण समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य की पुलिस को सम्मान प्रदान करेंगे। इसकी तैयारी पुलिस परेड मैदान में शुरू कर दी गई है।राज्य के 33 जिलों से आए पुलिस कर्मचारी और अधिकारी परेड का रिहर्सल कर रहे हैं। पुलिस ध्वज सम्मान के दौरान सामान्य परेड नहीं होती है। इसमें परेड का पूरा अलग ही फार्मेट है, क्योंकि यह किसी भी राज्य में सिर्फ एक बार ही होती है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ध्वज किसी भी पुलिस या सैन्य बल के लिए सर्वोच्च मान्यता मानी जाती है। यह किसी भी राज्य की पुलिस की निष्ठा, कर्तव्य परायणता और परिश्रम की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ को यह सम्मान मिलना ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है। राष्ट्रपति द्वारा पुलिस ध्वज प्रदान किए जाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह विशेष ध्वज देश के चुनिंदा राज्यों की पुलिस इकाइयों को दिया जाता है, जो 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ देश का 12वां राज्य है, जिसे यह सम्मान मिल रहा है। यह सम्मान पिछले साल हरियाणा और उससे पहले असम पुलिस को मिला है।

डीजीपी प्राप्त करेंगे, सभी पुलिस वालों की वर्दी पर लगेगी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह सम्मान 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह सम्मान पुलिस छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा राज्य की ओर से इसे प्राप्त करंेगे। इस सम्मान के बाद पुलिस अधिकारी और जवान इस ध्वज की प्रतिकृति को अपनी वर्दी पर प्रतीक चिन्ह के रूप में धारण करेंगे। यह उनके शौर्य और सेवा का प्रतीक होगा। यह सम्मान पाने वाले पुलिस कर्मी रेल में द्वितीय श्रेणी एसी बोगी में निशुल्क यात्रा कर सकते हैं।

6 साल पहले भेजा था प्रस्ताव

सरकार ने 16 फरवरी 2018 को गृह विभाग के माध्यम से यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। छत्तीसगढ़ में बेसिक पुलिसिंग के साथ नक्सलियों के खिलाफ अच्छा काम हुआ है। पुलिस व अर्धसैनिक बल मिलकर नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं। राज्य में पुलिस भी शानदार है। इसलिए इस सम्मान की स्वीकृति अब मिली है। अक्टूबर में इसकी मंजूरी की चिट्ठी आई है। परेड में 8 प्लाटून यानी 300 जवान भाग लेंगे। हर जिले से जवानों को बुलाया गया है। इसका नेतृत्व आईपीएस रैंक के अधिकारी करेंगे। हालांकि अभी कमांडिंग ऑफिसर का नाम तय नहीं हुआ है। इसमें आईपीएस जीतेंद्र शुक्ला, अंकिता शर्मा और चंद्रमोहन सिंह के नाम की चर्चा है। यह फिर किसी प्रशिक्षु आईपीएस को कमांडिंग दी जाएगी।

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