रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक नवा रायपुर के नवनिर्मित विधानसभा भवन में आयोजित होगा। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि 14 दिसंबर को विधानसभा का स्थापना दिवस भी है। पहली बार रविवार को सत्र शुरू हो रहा है, जिससे विधानसभा के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। पुराने भवन में रायपुर-बलौदाबाजार रोड पर सत्र आयोजित होते रहे हैं, लेकिन अब यह पहला मौका होगा जब नवा रायपुर के भव्य भवन में सदन की कार्यवाही संपन्न होगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का प्रथम सत्र 14 दिसंबर 2000 को आयोजित हुआ था। पिछले 25 वर्षों में कुल 76 सत्र हुए, जिनमें 773 बैठकें शामिल हैं। 18 नवंबर 2025 तक कुल 3904 घंटे 55 मिनट की चर्चा दर्ज की जा चुकी है। 77वां सत्र 18 नवंबर को पुराने भवन में शुरू हुआ था और अब यह सत्र नवीन भवन में जारी रहेगा।
पूर्व प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराड़े के अनुसार, चतुर्थ एवं पंचम विधानसभा में सबसे अधिक सत्र आयोजित हुए। द्वितीय विधानसभा के कार्यकाल में सर्वाधिक 182 बैठकें हुईं और 960 घंटे की चर्चा दर्ज की गई। 13 दिसंबर 2025 तक कुल 96,428 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 35,591 तारांकित और 30,459 अतारांकित प्रश्न शामिल थे। सदन में 6,209 अनुपूरक प्रश्न पूछे गए और कुल 592 विधेयक पारित किए गए।
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। प्रथम विधानसभा में गर्भगृह में स्वमेव निलंबन की कार्यवाही और द्वितीय विधानसभा में माओवादी हिंसा पर गोपनीय बैठक देशभर में सराहनीय रही। संसद सदस्यों को तीन राष्ट्रपतियों द्वारा संबोधित किया जा चुका है।
नवा रायपुर विधानसभा भवन के परिसर में महात्मा गांधी, अशोक स्तंभ, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। एक नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लोकार्पित किया था। 14 दिसंबर से इस नवीन भवन में कार्यवाही के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया इतिहास लिखा जाएगा।

