रायपुर। प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यसंस्कृति को मजबूत करने छत्तीसगढ़ सरकार ने मंत्रालय में आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEbAS) को अनिवार्य कर दिया है। महानदी और इंद्रावती भवन स्थित सभी विभागों में यह व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे समयपालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
बुधवार को मुख्य सचिव विकासशील की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें फेसियल ऑथेंटिकेशन सिस्टम और प्रवेश द्वारों पर लगाए गए थंब-बेस्ड बायोमेट्रिक डिवाइस का लाइव डेमो प्रस्तुत किया गया। गुरुवार से परीक्षण शुरू होगा, जबकि 1 दिसंबर से पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 1 जनवरी 2026 से यह व्यवस्था सभी संचालनालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी अनिवार्य रूप से लागू कर दी जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय पर उपस्थिति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को रोजाना कार्यालय में प्रवेश और प्रस्थान के समय उपस्थिति दर्ज करनी होगी। उपस्थिति दो तरीकों से दर्ज की जा सकेगी—स्मार्टफोन पर आधार-आधारित फेसियल वेरिफिकेशन के माध्यम से और प्रवेश द्वारों पर लगाए गए AEbAS बायोमेट्रिक उपकरणों से। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी निर्धारित प्रवेश द्वारों पर उपकरण स्थापित कर दिए हैं और नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है।
सरकार का मानना है कि आधुनिक तकनीक आधारित यह प्रणाली न सिर्फ समयपालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही भी बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य आधुनिक, पारदर्शी और अनुशासित शासन व्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

