छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की गई एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्व सम्मति से ये फैसला लिया गया। सीएम ने कहा कि तीरंदाजी प्रदेश की आदिम संस्कृति का अहम हिस्सा है। उन्होंने आदिवासियों को इस खेल से जोड़ने की बात कही। CM साय बचपन का किस्सा सुनाया जब वो जंगलों में तीर धनुष लेकर निकल जाया करते थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए गौरव की बात है, आप लोगों ने सर्वसम्मति से मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना। राष्ट्रीय आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा जी के साथ भी मुझे आयोजनों में शामिल होने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आर्चरी एसोसिएशन ने बड़ी कुशलता और परिश्रम से छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों की प्रतिभा को तराशा, जिससे हमारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर सहित अनेक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर पदक जीते।
पहाड़ी कोरवा बनेंगे तीरंदाज
मुख्यमंत्री साय ने कहा- मैं स्वयं जनजातीय बहुल जशपुर क्षेत्र से आता हूं। बचपन में हम लोग भी तीर धनुष लेकर शिकार किया करते थे। आर्चरी हम सभी लोगों का विशेष रूप से जनजातियों का पसंदीदा खेल है। जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा निवास करती है। ये लोग बड़े धनुर्धर होते हैं, प्राचीन काल में पहाड़ी कोरवा तीर धनुष से शिकार करते थे।
आज भी उनके हर घर में तीन धनुष रहता है। साय ने कहा कि इन लोगों की तीरंदाजी की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने के प्रयास किए जाने चाहिए। अभी प्रदेश में तीरंदाजी की तीन अकादमी हैं। जशपुर जिले में भी आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे।