छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद सफाई न होने के कारण नदी-नालों में कूदकर जान जोखिम में डालने वाले बच्चों की स्थिति पर चिंता जताई है। डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका मानते हुए मामले की सुनवाई शुरू की। साथ ही नगरीय प्रशासन सचिव और रायपुर कलेक्टर को सभी विसर्जन स्थलों की साफ-सफाई पर हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश करने कहा है।
इस केस की शुरुआती सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को बताया कि, रायपुर कलेक्टर ने दशहरे के बाद सभी विसर्जन स्थलों की सफाई के आदेश जारी कर दिए हैं। नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों में सफाई की जा रही है। इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की गई है।
चीफ जस्टिस बोले- प्रदेशभर की सफाई स्थिति का पता लगाना जरूरी
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि, प्रदेशभर के तालाबों और नदियों में प्रतिमा विसर्जन किया गया था। अब यह जानना आवश्यक है कि वहां की वर्तमान स्थिति क्या है। सफाई हुई है या नहीं। हाईकोर्ट ने रायपुर के खारून नदी का उदाहरण देते हुए कहा कि, क्या अन्य जिलों में भी सफाई की ऐसी ही स्थिति है।
इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव व्यक्तिगत रूप से शपथ-पत्र के साथ जानकारी प्रस्तुत करे। इसकी अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी। इससे पहले सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को सभी विसर्जन स्थलों की स्थिति पर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
दैनिक भास्कर की खबर पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
दैनिक भास्कर ने गुरुवार को रायपुर के खारून कुंड में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद सफाई न किए जाने की खबर को प्रकाशित किया था। इसमें बताया गया कि नदी के पास दलदल में मूर्तियों के अवशेष और मिट्टी छोड़ दी गई है। जिससे पानी सूखकर दलदल बन गया है।
इस दलदल के आसपास देवी की मूर्ति पर लगे तलवार और अन्य सामानों को लेने के लिए बच्चे उतर रहे हैं। जिससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ गया है। इस खबर को जनहित याचिका मानकर हाईकोर्ट ने कहा कि प्रकाशित तस्वीरें जल निकायों की बेहद दयनीय स्थिति को दर्शाती हैं, जिन्हें प्रदूषण से मुक्त रखना आवश्यक है।