छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों की पीजी सीट पर फर्स्ट राउंड काउंसिलिंग शुरू होते ही विवाद शुरू हो गया है। इस बार मामला ईडब्ल्यूएस कोटा से जुड़ा हुआ है। एक व्यक्ति ने पीएमओ (प्रधानमंत्री ऑफिस) को शिकायत किया है कि छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस कोटा पर हुए दाखिलों में फर्जी आय प्रमाण-पत्रों के आधार पर बने ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया गया है।
पीएमओ ने राज्य से जवाब-तलब किया। मंगलवार को इसे लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कंप जैसी स्थिति बनी रही। आनन-फानन में आयुक्त ने काउंसिलिंग प्रभारी को जांच के लिए पत्र लिखा तो प्रभारी ने इसे डीन को फॉर्वर्ड कर दिया। अब डीन ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए संबंधित तहसीलदार को पत्र लिखेंगे। क्योंकि ये सर्टिफिकेट तहसीलदार ने ही जारी किए हैं। इसके पूर्व भी एनआरआई स्पॉंसर्ड कोटा को लेकर भी विवाद हुआ था। इसमें वंशावली वृक्ष प्रमाण-पत्र पर सवाल उठे थे, उन्हें भी तहसीलदारों ने ही जारी किया था। जानकारी के मुताबिक जिन सात छात्रों को लेकर शिकायत हुई है उनके रायपुर और बिलासपुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले हुए हैं, या सीट आबंटित हुई हैं।