छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस पार्टी एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। बलरामपुर हिंसा मामले में 3 नवंबर को कांग्रेस प्रदेश के सभी जिलों भाजपा सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना देगी।
इसी मामले में कांग्रेस ने 27 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों में पुतला दहन, 28 अक्टूबर सभी जिला कांग्रेस कमेटी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सभी जिले के जिला अध्यक्षों के लिए निर्देश जारी किया है, सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, क्षेत्र के पदाधिकारी समेत सीनियर नेताओं को शामिल होने के लिए कहा गया है।
1 करोड़ मुआवजे की मांग
प्रदेश अध्यक्ष बैज ने इस मामले की पूरी जांच उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी और टीआई की भूमिका संदिग्ध है। उन सबके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
मृतक के शव का डॉक्टरों की टीम बनाकर दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया जाए। परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए।
बैज ने सरकार से पूछे पांच सवाल
- किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता और एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट क्यों नहीं भेजा गया ?
- मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया, जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी?
- मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों और परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया?
- मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे। पुलिस जलाना क्यों चाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।
- मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा, लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दी गई ?