रायपुर। छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 से जून 2025 तक राज्य में 67,000 से ज्यादा साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनसे लगभग 791 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि औसतन हर 20 मिनट में एक नया साइबर ठगी का मामला सामने आ रहा है।
साल 2024 में अकेले 31,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, जिनसे 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। वहीं, 2025 की पहली छमाही में ही 1,301 मामलों में 107 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जुलाई में विधानसभा में बताया था कि साइबर अपराधों की दर बेहद चिंताजनक है।
रायपुर में 2024 में 17,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं और 48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके बाद दुर्ग और बिलासपुर जिले भी सबसे अधिक प्रभावित रहे। हालांकि, अब तक केवल 107 पीड़ितों को पैसा वापस मिला है और बैंक धोखाधड़ी मामलों में सिर्फ तीन गिरफ्तारी और सात सजा हुई है।
जांच में पता चला है कि बिहार, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के ठग गिरोह बीमा, नौकरी, लोन और सेक्सटार्शन जैसे झांसे देकर छत्तीसगढ़ियों को फंसाते हैं। डिजिटल साक्षरता की कमी और स्मार्टफोन-इंटरनेट के तेजी से फैलने से ग्रामीण क्षेत्र भी अपराधियों के लिए आसान टारगेट बन गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में साइबर सुरक्षा को मजबूत करना अब जरूरी है। हर जिले में साइबर विशेषज्ञों और तकनीकी बल को तैनात किया जाना चाहिए। साथ ही नागरिकों को भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना होगा।
छत्तीसगढ़ में बढ़ते साइबर अपराधों ने पुलिस और साइबर सेल की नींद उड़ा दी है। प्रभावी कदम उठाने पर ही इस बढ़ती समस्या पर लगाम लगाई जा सकती है और लोगों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।