मोंथा तूफान का कहर: बस्तर में रेल सेवा ठप, अरकू घाटी में फिर गिरा पहाड़ का मलबा; कई ट्रेनें रद्द

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जगदलपुर। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोंथा के असर से आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी बारिश जारी है, जिसका प्रभाव अब बस्तर क्षेत्र तक पहुंच गया है। लगातार हो रही बारिश से बस्तर को जोड़ने वाली किरंदुल–कोत्तावालसा (केके) रेललाइन पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। मंगलवार शाम को अरकू घाटी में चिमड़ीपल्ली और बोर्रागुहालू स्टेशनों के बीच पहाड़ का मलबा रेलवे ट्रैक पर आ गया, जिससे रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

करीब तीन घंटे बाद चिमड़ीपल्ली और त्याडा स्टेशनों के बीच सुरंग क्षेत्र में फिर से चट्टानें गिरने से स्थिति और गंभीर हो गई। बुधवार तड़के मलबा हटाकर ट्रैक बहाल किया गया, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों तक तूफान के असर की चेतावनी दी है, जिससे भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है।

रेलवे ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुरुवार तक कोरापुट (ओडिशा) से कोत्तावालसा (आंध्र प्रदेश) के बीच रेल आवागमन पूरी तरह बंद रखने का निर्णय लिया है। इससे पहले, तूफान अलर्ट के चलते सोमवार से ही यात्री ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था। मंगलवार और बुधवार को मालगाड़ियों की आवाजाही भी बंद रही। मौसम सुधरने पर शुक्रवार से विशाखापत्तनम–किरंदुल मार्ग पर ट्रेन सेवाएं दोबारा शुरू की जा सकती हैं।

उधर, केआर लाइन पर चलने वाली हावड़ा–जगदलपुर समलेश्वरी, भुवनेश्वर–जगदलपुर हीराखंड और राउरकेला–जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को रायगढ़ा स्टेशन पर रोक दिया गया था। उम्मीद है कि गुरुवार से इन ट्रेनों का संचालन फिर शुरू हो जाएगा।

बस्तर संभाग में भी दो दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिससे सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों में धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।

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