दिल्ली। आंध्र प्रदेश में मंगलवार रात चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकराया, जिससे कई जिलों में तबाही का मंजर देखने को मिला। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, तूफान काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट को पार कर ओडिशा की ओर बढ़ गया। हालांकि इसकी तीव्रता धीरे-धीरे कम हो रही है, फिर भी राज्य के 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है।
चक्रवात से अब तक एक व्यक्ति की मौत और दो लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला के घर पर पेड़ गिरने से उनकी मौत हो गई, जबकि एक लड़का और ऑटो चालक घायल हो गए। तेज हवाओं से नारियल के पेड़ उखड़ गए और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। सबसे अधिक प्रभाव काकीनाडा, एलुरु, कृष्णा, पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी, बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा तथा रामपचोदवरम जैसे जिलों में देखा गया।
राज्य सरकार ने आपात स्थिति को देखते हुए मंगलवार रात 8.30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक प्रभावित जिलों में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। 22 जिलों के 403 मंडल प्रभावित हो सकते हैं। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के कारण निचले इलाकों में बाढ़ और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। किसानों को अतिरिक्त पानी निकालने की सलाह दी गई है।
आपातकालीन सेवाओं के लिए 81 वायरलेस टावर, 21 बड़े लैंप, 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन और 1,040 चेनसॉ तैयार रखे गए हैं। 3.6 करोड़ लोगों को सतर्कता संदेश भेजे गए हैं। नेल्लोर जिले में सबसे अधिक 12.6 सेमी बारिश दर्ज की गई। “मोंथा” नाम थाई भाषा के शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ “सुगंधित फूल” होता है।


 
                     
                    