रायपुर। छत्तीसगढ़ में जून, जुलाई और अगस्त का तीन महीने का राशन एक साथ बांटने की प्रक्रिया के बीच बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। खाद्य विभाग के पोर्टल पर जून 2025 तक 71.33 लाख राशन कार्ड दर्ज थे, जिन्हें 30 जून तक राशन बांटना था। लेकिन वितरण अधूरा रहा, तो तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई।
इस दौरान राशन कार्डों की संख्या अचानक बढ़कर 72.95 लाख हो गई, यानी 1.69 लाख कार्ड एक महीने में जुड़ गए। इनमें 96 हजार बीपीएल और 14 हजार सामान्य कार्डधारी शामिल हैं। अधिकारियों को भी इस अचानक हुई बढ़ोतरी पर हैरानी है। पोर्टल के अनुसार, अभी तक केवल 52% कार्डधारियों को राशन मिला है, जबकि जिलों में अधिकारी दावा कर रहे हैं कि 80 प्रतिशत लोगों को राशन बांटा जा चुका है। इससे साफ है कि आंकड़ों में भारी अंतर है।
नारायणपुर जिले में सबसे बड़ी गड़बड़ी सामने आई है, जहां 26 हजार कार्डधारियों के नाम पर 1.05 लाख लोगों को राशन बांटा गया। विभाग का कहना है कि “कोर पीडीएस” के तहत किसी भी स्थान से राशन लिया जा सकता है, पर यह दावा संदिग्ध लग रहा है। जानकारों के अनुसार, फर्जी नामों की एंट्री कर राशन कार्ड की संख्या बढ़ाई गई, ताकि अतिरिक्त चावल राइस मिलरों या बाजार में बेचा जा सके। एपीएल कार्ड आसानी से बनते हैं, जिससे इस तरह के फर्जीवाड़े की आशंका और गहरी हो जाती है।