केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी बुधवार शाम असम के तेजपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मेघना स्टेडिमय में आर्मी के जवानों के साथ दिवाली मनाई और डिनर किया।
एलओसी और अटारी बॉर्डर पर महिला-पुरूष जवानों ने मिठाई बांटी, मोमबत्ती जलाई और आतिशबाजी की। एलओसी पर जवानों ने दिवाली की जमकर डांस भी किया। वहीं, इंडियन एयरफोर्स प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उन्होंने कुछ फ्रंट पर जवानों से मुलाकात कर दिवाली की बधाई दी और उनके साथ नाश्ता किया।
इसके अलावा सीडीएस जनरल अनिल चौहान पोर्ट ब्लेयर, अंडमान-निकोबार में तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मना रहे हैं। नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी गुजरात के पोरबंदर में नौसेना के सैनिकों के साथ त्योहार मना रहे हैं। पीएम मोदी हर साल सेना के साथ दिवाली मनाते थे। इस बार वे दिवाली पर गुजरात दौरे पर हैं। ऐसे में तीनों सेना के चीफ, CDS अलग-अलग जगहों पर पहुंचे और सैनिकों के साथ दिवाली मनाई।
तेजपुर में राजनाथ बोले- तवांग जाना था लेकिन भगवान ये यहां भेजा
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे दिवाली की पूर्व संध्या पर आपके बीच (जवानों) आने का अवसर प्राप्त हुआ। मुझे आज अरुणाचल के तवांग में होना था। वहां पर जवानों के साथ बड़ा खाना (जवानों संग सामूहिक भोजन) भी होना था, लेकिन भगवान को शायद ये मंजूर नहीं था। वे चाहते थे कि मैं तेजपुर में वीर जवानों के साथ बड़ा खाना में शामिल होऊं।
उन्होंने कहा कि किसी भी त्योहार की खुशी तब और बढ़ जाती है जब उसे परिवार के साथ मनाया जाए। परिवार जितना बड़ा होता है, खुशी भी उतनी ही अधिक होती है। इसलिए मैं दिवाली अपने बड़े परिवार, अपने सशस्त्र बल परिवार के साथ मनाने का प्रयास करता हूं। यही कारण है कि मैं इस साल दिवाली आपके साथ तेजपुर में मना रहा हूं।
LAC पर जमीनी हालात सुलझाने के आम सहमति बनी
राजनाथ सिंह ने कहा कि आप जानते हैं कि LAC पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। LAC पर कुछ क्षेत्रों को लेकर भारत और चीन के बीच टकराव को सुलझाने के लिए लंबे समय से कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही थी।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों के बाद हम LAC पर जमीनी हालात को सुलझाने में आम सहमति पर पहुंचे और हम इसमें सफल हुए। ये वास्तव में एक बड़ी घटना है। मैं दृढ़ता से दावा कर सकता हूं कि हमने यह सफलता आपके साहस और अनुशासन के कारण हासिल की है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं ये कहना चाहूंगा कि चीन के साथ आपसी बातचीत इसलिए संभव हो पाई है क्योंकि आपकी (सेना) वीरता को सभी ने महसूस किया है। हम आम सहमति के जरिए शांति की बहाली जारी रखना चाहते हैं।
हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं
राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध रखना चाहते हैं। ये भारत की स्पष्ट नीति है।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आती हैं कि हमें अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए लड़ना पड़ता है। हमारे सशस्त्र बलों के हितों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करने की कोशिश की है।