दिल्ली। देश की जेलों में 24 हजार से ज्यादा ऐसे कैदी हैं, जिनको जमानत मिलने के बावजूद वे जेल में बंद हैं। इन कैदियों का जेल में रहने का कारण यह है कि वे जमानत राशि नहीं भर पाए हैं। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट और नालसा सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कैदियों में कई ऐसे लोग हैं जो मामूली अपराधों में फंसे हुए हैं। देश की जेलों में कुल 24,879 कैदी हैं, जिनमें से 50% से ज्यादा कैदी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार से हैं।
जमानत शर्तें पूरी न करने पर भी रिहा किया जा सकता : जस्टिस ढींगरा
दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसएन ढींगरा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन कैदियों ने अपनी सजा का एक-तिहाई समय जेल में काट लिया हो, उन्हें जमानत शर्तें पूरी न करने पर भी रिहा किया जा सकता है। हालांकि, यह आदेश दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लागू नहीं होता है।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में विचार किया जा रहा है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत भी इसे लेकर प्रावधान किए गए हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण यह प्रभावी नहीं हो पा रहा है।
राज्यों में जमानत के बावजूद कैदियों की संख्या:
- उत्तर प्रदेश: 6158
- मध्य प्रदेश: 4190
- बिहार: 3345
- महाराष्ट्र: 1661
- ओडिशा: 1214
- केरल: 1124
- पंजाब-हरियाणा: 922
- असम: 892
- तमिलनाडु: 830
- कर्नाटक: 665