छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के खरौद में दूषित पानी से डायरिया फैलने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र में जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 23 जुलाई को तय की।
-
दूषित हैंडपंप सील
राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट में जानकारी दी कि प्रकोप के बाद संदिग्ध हैंडपंप को सील कर दिया गया है, ताकि संक्रमण का स्रोत और आगे न बढ़े। -
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया
-
स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वेक्षण और आपातकालीन चिकित्सा सहायता शुरू की।
-
हर घर में ओआरएस पैकेट और क्लोरीन की गोलियां वितरित की जा रही हैं।
-
जनता को केवल उबला हुआ पानी पीने, ओआरएस के प्रयोग और व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
-
प्रभावित लोगों का इलाज जिला स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है।
-
-
जांच अभियान और जागरूकता
स्वास्थ्य विभाग लगातार घर-घर जाकर नए मरीजों का पता लगा रहा है, उनका इलाज कर रहा है और लोगों को डायरिया से बचाव के उपायों की जानकारी दे रहा है।
संदर्भित घटनाएं
-
खरौद के तिवारीपारा मोहल्ले में दूषित हैंडपंप से पानी पीने के कारण 23 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आए।
-
महसमुंद के बैतारी गांव में भी बीते 6 दिनों में 54 मरीज सामने आए। यहाँ स्वास्थ्य विभाग की टीम 24 घंटे मौजूद रहकर इलाज व जागरूकता अभियान चला रही है।
-
बालोद और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य अमला घर-घर जाकर सर्वे और दवा वितरण कर रहा है। संदिग्ध जल स्रोतों के नमूने लैब जांच के लिए भेजे गए हैं।
सरकारी सलाह और निर्देश
-
केवल उबला हुआ एवं सुरक्षित पानी सेवन करें।
-
ओआरएस, क्लोरीन टैबलेट और प्राथमिक उपचार किट का प्रयोग करें।
-
डायरिया या उल्टी-दस्त के लक्षण होने पर शीघ्र स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
-
व्यक्तिगत और सामुदायिक साफ-सफाई का ध्यान रखें।
प्रदेशभर में बारिश के मौसम में डायरिया प्रकोप से निपटने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा त्वरित और समन्वित कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मामले पर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जा कर जांच एवं बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।