मुंबई। UPSC में नियुक्ति को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर के विकलांगता सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी सामने आई है। जिस अस्पताल से इसे जारी किया गया था उसने अपनी इंटरनल जांच में पाया है कि सर्टिफिकेट जारी करने में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई थी।
पुणे शहर के पास यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल है। इसे पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (PCMC) मैनेज करता है। अगस्त 2022 में पूजा खेडकर को इसी अस्पताल से विकलांगता सर्टिफिकेट जारी किया गया था। हालांकि, सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ जांच शुरू किए जाने की बात कही जा रही है।
इधर, पूजा के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी पहुंचने की 23 जुलाई की डेडलाइन खत्म हो गई, लेकिन वे एकेडमी नहीं पहुंची। पूजा का मोबाइल फोन भी बंद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर ने इसके पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। सूत्रों ने एकेडमी के हवाले से बताया कि अब आगे क्या एक्शन लेना है, यह जल्द ही तय किया जाएगा।
पूजा पर OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप
पूजा खेडकर पर अब माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप लगा है। पूजा के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव भी लड़ा था। एफिडेविट में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी। पूजा ने परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी।
पूजा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने माता-पिता के तलाक का दावा किया है। उनके पिता अब उनके साथ नहीं रहते, इसलिए वे अब OBC नॉन-क्रीमी लेयर के दायरे में आती हैं। पुणे पुलिस के मुताबिक, UPSC ने पूजा के माता-पिता के मैरिटल स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े 4 विवाद
- विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
- सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
- विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
- पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया।
- यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने साफ कर दिया है कि पूजा खेडकर का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई। सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी। अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है।
UPSC ने पूजा के खिलाफ FIR दर्ज कराई
पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने FIR दर्ज कराई है। UPSC ने आरोप लगाया है कि पूजा ने अपनी पहचान बदल-बदलकर UPSC की तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम दिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, IT एक्ट और डिसेबिलिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।