आखिर 540 दिन की अशांति के बाद मणिपुर में सरकार का नेतृत्व बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चर्चा है कि महाराष्ट्र में चुनाव अभियान शुरू होने से पहले भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर में लीडरशिप बदलने का फैसला ले सकता है। वर्तमान मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को लेकर मैतेई विधायक दो खेमों में बंट गए हैं। हाल ही में 19 भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। उसी के बाद इंफाल से लेकर दिल्ली तक कार्यवाही शुरू हो चुकी है।
राज्य में भाजपा के 32 विधायक हैं, इन्हीं में से 19 केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्ट कर चुके हैं कि बीरेन को हटाए बिना शांति नहीं आ सकती। पार्टी नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लिया है और बीरेन और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शारदा देवी को बुलाया है। दोनों अभी दिल्ली में हैं। अगले दो-तीन दिन में फैसला हो सकता है। अगले CM के लिए 4 नामों पर चर्चा हो रही है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह का नाम सबसे ऊपर है। PM को 6 पेज की जो चिट्ठी लिखी गई थी, उसमें विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत के हस्ताक्षर सबसे ऊपर हैं। इन पर सभी 19 विधायक राजी हुए थे।
हरियाणा चुनाव के पहले चिट्ठी लिखने वाले थे विधायक
मणिपुर विधानसभा के एक विधायक ने भास्कर को बताया कि सभी 19 विधायक हरियाणा चुनाव से पहले पीएम को चिट्ठी लिखने वाले थे, लेकिन पीएमओ में दखल रखने वाले एक नेता ने उन्हें रुकने के लिए कहा। इसके बाद 15 अक्टूबर को जब गृह मंत्रालय ने कुकी, नगा और मैतेई विधायकों को बातचीत के लिए बुलाया। इस 1 घंटा 50 मिनट की मुलाकात में से 1 घंटा अकेले कुकी विधायकों को दिया गया।
कुकी विधायकों ने शांति के लिए पहली शर्त बीरेन सिंह को हटाने की रखी। जब मैतेई विधायकों से मंत्रालय के अफसरों ने लीडरशिप बदलने के बारे में पूछा तो किसी ने भी मना नहीं किया। लिहाजा, पार्टी नेतृत्व इस दिशा में आगे बढ़ गया। दिल्ली से विधायकों के इंफाल लौटते ही जिरिबाम में हिंसा हो गई। विधायकों ने पीएम को चिट्ठी भेज दी, जिसके दो पेज लीक हो गए।
मैतेइयों के हथियारबंद संगठन भी मौन
सीएम पर आरोप है कि उन्होंने हथियारबंद संगठन अरम्बाई टैंगोल को छूट दी। ये बड़े पैमाने पर उत्पीड़न, जबरन वसूली में शामिल हैं। सीएम बदलने की चर्चा के बाद से अरम्बाई टैंगोल का बयान नहीं आया।
मैतेई संगठन बंटे, एक ने कहा- सीएम न बदलें
मणिपुर में लीडरशिप बदलने के विचार पर मैतेई संगठन भी बंट गए हैं। यूनिवर्सल मदर्स ऑर्गनाइजेशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि संकट के बीच कुछ विधायक-मंत्री सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सीएम को हटाने के बाद तुरंत नया सीएम नहीं बनाया गया तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। इससे मैतेई लोग परेशान होंगे।
वर्ल्ड मैतेई काउंसिल ने पीएम को पत्र लिखकर राज्य में तत्काल सक्षम और जवाबदेह सरकार बनाने का आग्रह किया है, क्योंकि मौजूदा सीएम की कथित अक्षमता के कारण हमें पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है।