दिल्ली। फरीदाबाद में पकड़े गए अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल की कार्रवाई में गिरफ्तार आठ लोगों में शामिल लखनऊ की महिला चिकित्सक डॉ. शाहीन सैय्यद के खिलाफ पुलिस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच के अनुसार, डॉ. शाहीन ने महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से शादी की थी, लेकिन यह वैवाहिक संबंध लंबे समय तक टिक नहीं पाया और 2015 में दोनों का तलाक हो गया।
डॉ. शाहीन का चयन 2006-07 में यूपी लोक सेवा आयोग के माध्यम से हुआ था और वे गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं। तलाक के बाद उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़कर अकेले रहना शुरू किया। अधिकारी दावा करते हैं कि इसी दौरान पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर के प्रभाव में आकर उन्हें कट्टरपंथी नेटवर्क से संबंध जोड़ने का प्रयास किया गया।
पुलिस का कहना है कि डॉ. शाहीन जमात उल मोमिनात नामक एक नए संगठन से भी जुड़ी मिली हैं, जिसे जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग के रूप में लॉन्च किया गया बताया जा रहा है। पूछताछ के लिए उन्हें श्रीनगर ले जाया गया है और अधिकारियों को आशंका है कि वे जैश की महिला भर्ती प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस मॉड्यूल से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुए थे और इसमें तीन डॉक्टर्स समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि यह नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था और इसे जैश-ए-मोहम्मद तथा अंसार गज़वात-उल-हिंद से संबंधित माना जा रहा है।
जमात उल मोमिनात की स्थापना इस साल अक्टूबर में मसूद अजहर के समर्थकों द्वारा की गई थी और इसे आइएस के तरीकों की नकल करते हुए महिलाओं को भर्ती कर फिदायीन या अन्य हमलों के लिए तैयार करने का आरोप है। अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि महिलाओं का कट्टर संगठनात्मक इस्तेमाल खतरनाक परिणाम दे सकता है और जांच में ऐसे सभी कड़ियों का खुलासा किया जा रहा है।

