छत्तीसगढ़ में हुए कोयला और डीएमएफ घोटाला में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू की ओर से जमानत याचिका लगाई गई है। उन्होंने फिलहाल डीएमएफ केस में ईडी कोर्ट में आवेदन लगाया है। उनकी अर्जी पर सुनवाई 6 नवंबर को होगी। रानू साहू को कोयला घोटाला केस में जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया गया था।
उसी समय से वह जेल में बंद है। इसके बाद इसी महीने उनकी डीएमएफ घोटाले में गिरफ्तारी की गई है। इस केस में एक अन्य आरोपी माया वारियर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। 3 दिन पहले उनकी कोर्ट में पेशी हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
क्या है DMF घोटाला?
प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।
40% सरकारी अफसरों को कमीशन मिला
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।
ED के तथ्यों के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर किसी चीज की असल कीमत से ज्यादा का बिल भुगतान कर दिया। आपस में मिलकर साजिश करते हुए पैसे कमाए गए।