नक्सलवाद खिलाफ चल रहे संयुक्त सुरक्षा अभियान ने अब छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की बेचैनी बढ़ा दी है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक मारे जाने के डर से नक्सली छत्तीसगढ़ के ही अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य से भागकर पड़ोसी राज्यों में नया ठिकाना बनाने की तलाश कर रहे हैं।
शाह के नेतृत्व में रायपुर में बनी थी रणनीति
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त 2024 को रायपुर में छत्तीसगढ़ से सटे हुए नक्सल प्रभावित राज्यों के अधिकारियों से कहा था कि 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त करना है। उन्होंने छत्तीसगढ़ और उसकी सीमाओं से सटे राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और मुख्य सचिवों के साथ नक्सल विरोधी आपरेशन की समीक्षा के बाद निष्ठुर रणनीति (रूथलैस अप्रोच) के साथ नक्सलियों के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे। नक्सलियों के पास अब दो ही विकल्प बचा है या तो वे आत्मसमर्पण करें और मुख्य धारा में लौट आएं या फिर गोली खाने के लिए तैयार रहें। अब नक्सलियों के मांद में ही घुसकर मारने की रणनीति बनी है।
207 नक्सलियों को मार गिराया जवानों ने
पिछले 11 महीने में हुए तमाम मुठभेड़ों में सुरक्षा बल के जवानों ने 207 नक्सलियों को मार गिराया है। 787 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 789 ने आत्मसमर्पण किया है। देश में अगर बात करें तो नक्सलवाद संबंधित हिंसा की घटनाएं 16,463 से घटकर 7,700 हो गई हैं। यह संख्या अगले साल और कम करने का लक्ष्य है। नागरिकों और सुरक्षाबलों की मौत में 70% की कमी आई है। हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 हो गई है।