चुनाव आयोग बना रहा AI गाइडलाइन: प्रचार में Deepfake और फेक कंटेंट पर अब होगी सख्ती

दिल्ली। भारत में चुनाव प्रचार के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग और दुरुपयोग को देखते हुए चुनाव आयोग अब इसके लिए स्पष्ट गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन दिशानिर्देशों में फेक और डीपफेक वीडियो-ऑडियो, रोबोट कॉल्स, और जनरेटिव AI कंटेंट के नियंत्रण के नियम शामिल होंगे। इन गाइडलाइंस की झलक आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकती है।

AI कंटेंट पर होगी जवाबदेही

चुनाव आयोग की प्रस्तावित गाइडलाइंस के तहत, राजनीतिक दलों, मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को AI से तैयार प्रचार सामग्री की जानकारी देना अनिवार्य किया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी AI जनित कंटेंट के माध्यम से मतदाताओं को भ्रमित न किया जा सके या उनकी पसंद को गलत तरीके से प्रभावित न किया जाए।

मतदाताओं की निजता और चुनाव की निष्पक्षता सर्वोपरि

चुनाव आयोग यह तय करेगा कि AI के प्रयोग से मतदाताओं की निजता, चुनाव की पारदर्शिता और लोकतंत्र की गरिमा पर कोई आंच न आए। साथ ही, ऐसे AI टूल्स और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा जो सकारात्मक और पारदर्शी प्रचार में सहायक हों।

लोकसभा चुनाव में 5 करोड़ से अधिक रोबोट कॉल्स

फ्यूचर शिफ्ट लैब्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में भारत में AI का उपयोग अमेरिकी और ब्रिटिश चुनावों की तुलना में कई गुना ज्यादा हुआ। भारत में 5 करोड़ से अधिक रोबोट कॉल्स की गईं, जिनमें से अधिकतर उम्मीदवारों की आवाज में Deepfake तकनीक से तैयार की गई थीं। इन कॉल्स में 22 भाषाओं में सामग्री जनरेट की गई।

 

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