बिलासपुर। बिलासपुर के ग्राम मोहतरा में पंचायत में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा करना एक एलएलबी छात्र को महंगा पड़ गया। छात्र नेता रंजेश सिंह ने ग्रामसभा में पिछले 10 वर्षों के कथित घोटालों को उजागर किया।
जिसमें फर्जी भुगतान, बिना सामान की खरीदी और निर्माण कार्यों में अनियमितताएं शामिल थीं। छात्र ने आरोप लगाया कि 49 हजार में खरीदी गई पानी टंकी न तो दिखाई दी और न ही उसका विक्रेता मौजूद था। इसके अलावा, 8 लाख में बने सामूहिक शौचालय की लागत असल में मनरेगा से 3.5 लाख में ही पूरी हुई थी।
इस खुलासे से नाराज़ भाजपा नेता इंद्रजीत क्षत्रिय और उनके समर्थकों ने कथित रूप से छात्र पर पहले कार्यालय में और फिर थाने में हमला किया। हैरानी की बात यह रही कि पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ मामूली धाराओं में केस दर्ज किया, जबकि पीड़ित छात्र रंजेश सिंह पर एट्रोसिटी एक्ट और बीएनएस की 7 गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया।
इस एकतरफा कार्रवाई पर पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने नाराजगी जताई और बिलासपुर रेंज के आईजी से बात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है कि कोई छात्र भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए और उसी को अपराधी बना दिया जाए। फिलहाल मामला गंभीर बहस और राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है।