छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पासपोर्ट दफ्तर में ठग एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी)का अधिकारी बनकर पहुंचा और अफसर को धमकाकर 5 लाख वसूल लिए। ठग पैसे लेकर चला गया। उसके बाद अफसर ने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दी।
अफसरों ने एसीबी के अधिकारियों से संपर्क किया। ठग ने खुद को नागपुर एसीबी का अफसर बताया था। वहां के अफसरों से भी जानकारी ली गई। तब उसकी सच्चाई सामने आई। ठगी की शिकायत पर पुलिस ने जांच और आरोपी को दुर्ग से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि दुर्ग बोरसी निवासी प्रभात शर्मा (58)भ्रष्टाचार पर काम करने वाली किसी एनजीओ से जुड़ा हुआ है। वह 19 सितंबर को पंडरी श्याम प्लाजा स्थित पासपोर्ट दफ्तर पहुंचा। उसने खुद को एसीबी नागपुर का इंचार्ज बताया। उसने वहां के स्टाफ से कहा उसे वरिष्ठ पासपोर्ट अधिकारी से मिलना है। उसे वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक अभिजीत दत्ता के पास भेजा गया। प्रभात ने अभिजीत से मुलाकात की। उसने एसीबी का अपना फर्जी कार्ड दिखाया।
कार्ड में सील ठप्पा देखकर अफसर को यकीन हो गया कि वह एसीबी का अफसर है। उसके बाद ठग ने अपने बारे में कई झूठी जानकारी दी। फिर वह धमकाने लगा कि यहां खुलेआम भ्रष्टाचार चल रहा है। वह गिरफ्तार करने आया है। उसने कहा कि आप लोगों के खिलाफ मेरे पास पर्याप्त सबूत है। अभिजीत ने प्रभात को बताया कि यहां किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्हें गलत जानकारी दी गई है। उसके बाद वह पुलिस अधिकारियों की तरह रौब दिखाने लगा। उसने मीडिया बुलाकर उनकी छवि धूमिल करने की धमकी दी। अभिजीत घबरा गया। तब आरोपी ने मामला रफा-दफा करने के लिए 10 लाख रुपए मांगे। अभिजीत ने कहा कि इतनी बड़ी रकम वह कहां से लाकर देगा। उसने किसी तरह प्रभात को पांच लाख कैश दिया। आरोपी पैसा लेकर चला गया।