दिल्ली। लाल किले के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच तेज है और शुरुआती संकेत यह बताते हैं कि विस्फोट में सैन्य-ग्रेड या उच्च-क्षमता वाले विस्फोटक इस्तेमाल किए गए हो सकते हैं। घटना में कई लोग मारे गए और आसपास भारी तबाही हुई; जांच अभी चल रही है और राष्ट्रीय जांच एजेंसियाँ, एनएसजी व फोरेंसिक टीमें मौके की तह तक जा रही हैं।
फोरेंसिक टीमों ने घटनास्थल से दर्जनों सैंपल एकत्र किए हैं। रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि लगभग 42 साक्ष्य लिए गए और उनकी प्रयोगशाला जांच जारी है। जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या पीईटीएन, सेमटेक्स, आरडीएक्स या अमोनियम नाइट्रेट–फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे पदार्थों का प्रयोग हुआ था।
PETN (पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट) एक बहुत शक्तिशाली विस्फोटक है; यह कम मात्रा में भी भयानक क्षति पहुंचा सकता है और कई आतंकवादी घटनाओं में इस्तेमाल हुआ है। PETN को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि यह रंगहीन क्रिस्टल जैसा होता है, और यह शॉक या डिटोनेटर से सहज ही सक्रिय हो सकता है — इसलिए इसका उपयोग विशेष रूप से खतरनाक माना जाता है।
दूसरी ओर, ANFO (अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल) बड़ी मात्रा में उपयोग किए जाने पर बेहद शक्तिशाली शॉक वेव पैदा कर सकता है; यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण अक्सर किफायती IED में इस्तेमाल होता है। प्रारंभिक जांच में इन मिश्रणों की संभावना पर भी गौर किया जा रहा है।
जांच एजेंसियाँ सीसीटीवी फुटेज, विस्फोट अवशेष और मोबाइल-ट्रैकरिंग के सहारे दोषियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। पुलिस और गृह मंत्रालय ने जनता से अफवाहों से दूर रहने और आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार करने का अनुरोध किया है।

