जयपुर। जयपुर में पुलिस ने दो फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो अपनी ज्यादा कमाई के लिए फैक्ट्रियों में आग लगाते थे। ये कर्मचारी पहले फैक्ट्रियों में आग लगाते, फिर खुद ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी से जाकर आग बुझाते थे। इसके बाद डीजल चोरी कर उसे बेचकर पैसे कमाते थे।
पुलिस को करधनी थाना क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं की जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके इस बात का खुलासा किया है। डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि पुलिस को एक महत्वपूर्ण इनपुट मिला था कि बाइक सवार लोग आगजनी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। सीसीटीवी फुटेज और बाइक के हुलिए के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान की। इसके बाद सरना डूंगर फायर स्टेशन के फायरमैन विजय शर्मा और ड्राइवर राहुल यादव को गिरफ्तार किया गया।
आग लगाकर कमाते थे पैसे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जितनी ज्यादा जगहों पर आग लगती, उतना ही ज्यादा पैसा कमाने का मौका मिलता था। वे जानबूझकर फैक्ट्रियों में आग लगाते थे, जिसमें कभी प्लास्टिक फैक्ट्री तो कभी माचिस और सिगरेट फैक्ट्री को निशाना बनाते थे। आग बुझाने के दौरान वे फायर ब्रिगेड की गाड़ी से ज्यादा डीजल खर्च बताकर उसे बेचते थे।
विजय शर्मा और राहुल यादव दोनों को एक प्राइवेट कंपनी के जरिए फायर ब्रिगेड में काम मिला था। इन्हें अस्थायी फायरमैन और ड्राइवर के रूप में नियुक्त किया गया था, और यह दोनों कई बार घटनास्थल पर जाकर आग बुझाने का नाटक करते थे। जयपुर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।