छत्तीसगढ़ में पहली बार विदेशी पक्षी को लगा रेडियो कॉलर, अब लोकेशन का पता करने में होगी आसानी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बिलासपुर रोड पर सिमगा के पास बीमार मिले इजिप्शियन गिद्ध के पंखों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) डिवाइस लगाकर उड़ा दिया गया है। राज्य में पहली बार इस नस्ल का गिद्ध मिला है। किसी विदेशी पक्षी के पंखों में लोकेशन बताने वाला डिवाइस भी पहली बार लगाया गया है।

इससे पता चलेगा कि विदेशी गिद्ध ने देश के किस हिस्से में अपना बसेरा बनाया है और कब तक रहा।  यह डिवाइस लगभग 5 साल तक काम करेगा। तब तक उसका लोकेशन वन विभाग के कंट्रोल रूम में मिलता रहेगा। जंगल सफारी में पिछले महीने जब गिद्ध को लाया गया तो वह बीमार था। उड़ान भरने की स्थिति में भी नहीं था। ग्रामीणों ने उसे रोड के किनारे देखा और इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी। वह कुछ खा भी नहीं रहा था। ऐसे वन्य प्राणियों के इलाज की व्यवस्था केवल सफारी में है।

सफारी के पशु पक्षी विशेषज्ञ डा. राकेश वर्मा और उनकी टीम ने गिद्ध की देखभाल की। वह जब स्वस्थ्य हो गया तो सफारी के डायरेक्टर धमशील गनवीर ने उसके पंखों में जीपीएस डिवाइस लगाने का प्रस्ताव दिया। इससे पता चलेगा कि विदेशी गिद्ध कितने दिनों तक भारत में रहता है। इससे अन्य विदेशी गिद्धों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। अफसरों का कहना है कि ये डिवाइस सूर्य की रौशनी से चार्ज होगा। इसकी तकनीक ऐसी है कि ये करीब पांच साल तक लोकेशन बताएगा।

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