फर्जी दस्तावेजों के सहारे नागरिकता लेने पर सरकार सख्त, 9 लोगों पर दर्ज की FIR

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना के तहत भू-अर्जन प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आई है। इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार डी.के. उईके और पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ तोरवा थाना में एफआईआर

लातूर।  महाराष्ट्र के लातूर जिले में 9 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने और भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह मामला 13 मार्च को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत दर्ज किया है, जिसमें धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और जालसाजी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

यह है पूरा मामला

महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी। इन आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड, झूठे शपथ पत्र और अन्य नकली दस्तावेजों की मदद से जन्म प्रमाणपत्र हासिल कर लिया था। पुलिस ने सभी 9 आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा हो सकता है, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है।

इन लोगों पर एफआईआर दर्ज

  1. मदार युसुफ पठान
  2. अनीरूनीसा मोहम्मद
  3. फैमुन्बी अय्युब मणियार
  4. शाहिदा शौकत कुरेशी
  5. फरहीन तौसीफ कुरेशी
  6. हुसैन गफूर शेख
  7. नाजेरा अब्दुल खुदुस
  8. रुखसार मोसीन कुरेशी
  9. मुस्तफा महेबूब

5,845 लोगों ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए: बीजेपी

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इस मामले को उजागर किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के कई जिलों में इसी तरह के फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। जनवरी 2025 में उन्होंने यह भी दावा किया था कि अकोला जिले में 15,845 बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए थे।

 

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *