दिल्ली। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर जारी राजनीतिक गर्मी के बीच उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने रविवार को साफ कर दिया कि उनके इस्तीफे की अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा—“मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, जिम्मेदारी से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।”
शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ी थी। कई राजनीतिक हलकों में यह चर्चा फैल गई कि कर्नाटक सरकार में बड़े बदलाव तय हैं। लेकिन शिवकुमार ने इन खबरों को मीडिया की कल्पना बताते हुए कहा कि कैबिनेट में कोई भी परिवर्तन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और हर फैसला आलाकमान की सहमति से ही होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सिद्दरमैया दिल्ली 100 नए कांग्रेस कार्यालयों के शिलान्यास कार्यक्रम के निमंत्रण के लिए आए थे। इसी समारोह में शिवकुमार की किताब “गांधी-भारत” का लोकार्पण भी होना है। पुस्तक में कांग्रेस के ऐतिहासिक बेलगावी अधिवेशन और उसके शताब्दी समारोह से जुड़े प्रसंग दर्ज हैं।
शिवकुमार ने यह भी कहा कि पार्टी से टकराव की बातों में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस को ब्लैकमेल करने की राजनीति नहीं करता। मैंने इस पार्टी को मजबूत करने के लिए वर्षों मेहनत की है। आगे भी वही करूंगा।”
इधर, गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने साफ किया कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कोई योजना नहीं, केवल मंत्रिमंडल में सीमित फेरबदल संभव है। वहीं मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने बताया कि दिल्ली में उनकी बातचीत का केंद्र बिहार चुनाव रहा, न कि कर्नाटक सरकार में कोई बदलाव।
शिवकुमार के ताजा बयान से यह संकेत साफ है कि वे न केवल अपनी भूमिका जारी रखेंगे, बल्कि पार्टी नेतृत्व के साथ तालमेल में आगे की रणनीति भी तय करेंगे।

