दिल्ली। भारतीय वायुसेना (IAF) इस वर्ष दुबई एयर शो 2025 में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराने जा रही है। वायुसेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने सोमवार को बताया कि इस प्रतिष्ठित एयर शो में हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के प्रति विदेशी खरीदारों की रुचि काफी बढ़ने की उम्मीद है। 17 से 21 नवंबर तक अल मकतूम हवाई अड्डे पर आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस आयोजनों में से एक है, जिसमें भारी अंतरराष्ट्रीय भागीदारी रहती है।
इंडिया पवेलियन में बोलते हुए तिवारी ने कहा कि दुबई एयर शो में भारत की भागीदारी भारत और यूएई के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को और मजबूत करती है। उन्होंने बताया कि यूएई के अधिकारियों के अनुरोध पर तेजस और प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम को यहां भेजा गया है। इससे पहले भी तेजस दुबई एयर शो में हिस्सा ले चुका है और लोगों ने उस समय भी इसमें जबर्दस्त दिलचस्पी दिखाई थी। तिवारी के अनुसार, इस वर्ष भी इसका प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय विजिटर्स की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा।
एयर मार्शल तिवारी ने यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना लगभग 200 तेजस विमानों की खरीद प्रक्रिया में है। इतने बड़े पैमाने पर घरेलू फाइटर जेट्स की खरीद अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के लिए एक मजबूत संदेश है और इससे तेजस के प्रति वैश्विक स्तर पर भरोसा बढ़ेगा। उनकी मान्यता है कि इस एयर शो में भी तेजस काफी ध्यान आकर्षित करेगा।
दुबई एयर शो हर दो वर्ष में आयोजित किया जाता है और यह लगभग 150 देशों के 1,500 से अधिक प्रदर्शकों और 1,48,000 से ज्यादा उद्योग विशेषज्ञों को आकर्षित करता है। इस बार भी एयरबस, दासौ, एम्ब्रेयर, लाकहीड मार्टिन, थेल्स और बाम्बार्डियर जैसी दिग्गज वैश्विक कंपनियां इसमें अपने अत्याधुनिक विमान और तकनीक प्रदर्शित करेंगी।
भारत की बढ़ती रणनीतिक भूमिका और रक्षा क्षमताओं का यह प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण संकेत भेजता है।

