4 दिन पहले हुए नए पेट्रोलिंग समझौते के बाद भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाना शुरू कर दिए हैं। सैनिक गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जा रहे हैं।
इस प्रॉसेस के पूरा होने के बाद डेमचोक और देपसांग में दोनों सेनाएं पेट्रोलिंग कर सकेंगी। यह पेट्रोलिंग 10 दिन बाद शुरू हो सकती है। इसकी 2 शर्तें हैं। पहली- दोनों देशों की सेनाएं इन इलाकों में अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग करेंगी। एक-दूसरे पहले से इसकी सूचना देनी होगी।
2020 में भारत-चीन के बीच गलवान में टकराव के बाद डेमचोक और देपसांग में तनाव के हालात बने हुए थे। भारत और चीन के बीच 21 अक्टूबर को नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि गलवान जैसी झड़प ना हो और वहां पहले जैसे हालात बनाने के लिए समझौता किया गया है।
पेट्रोलिंग कहां-कहां होगी
देपसांग: भारतीय सेना ने उम्मीद जताई है कि सैनिक अब देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे।
डेमचोक: चारडिंग निंगलुंग नाला ट्रैक जंक्शन से चीनी सैनिक टेंट हटा रहे हैं। इसके बाद यहां पेट्रोलिंग की जा सकेगी।
आगे क्या: 10 दिन में 63 पॉइंट पर पेट्रोलिंग
सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने के बाद करीब 10 दिन के भीतर पेट्रोलिंग शुरू हो सकती है, इनमें LAC के 63 प्वाइंट्स शामिल हैं। इनकी पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
3 पॉइंट में भारत-चीन का पेट्रोलिंग समझौता
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स यात्रा के पहले यह समझौता हुआ था। ब्रिक्स में मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। मोदी ने यहां कहा था कि शांति कायम रखना किसी भी स्थिति में जरूरी है।
2. पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने के लिए चीन और भारत राजी हुए। यानी अब चीन की आर्मी उन इलाकों से हटेगी, जहां उसने अतिक्रमण किया था।
3. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ 2020 के बाद उठे मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे।
15 जून 2020 की गलवान झड़प, 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए
15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।