बलरामपुर में मासूम की बलि देकर हत्या, एक साल बाद खुला राज

Innocent was killed by sacrificing him in Balrampur, the secret was revealed after one year

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के सामरी क्षेत्र से लापता तीन साल के अजय नगेसिया की हत्या का राज करीब सवा साल बाद सामने आ गया है। पुलिस ने बुधवार को गांव के बैगा राजू कोरवा (40) को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने अपने मिर्गी से पीड़ित बेटे को ठीक करने के लिए अजय की बलि दी थी। आरोपी की निशानदेही पर बच्चे का कंकाल भी बरामद हुआ है।

1 अप्रैल 2024 को अजय लापता हुआ था। उसकी मां ने बताया था कि वह महुआ बीनने गई थी और बच्चे अन्य बच्चों के साथ खेल रहे थे। लौटने पर अजय गायब मिला। सात दिनों तक खोजबीन के बाद परिजन ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस को राजू पर शक हुआ, लेकिन वह गुमराह करता रहा।

जांच में सामने आया कि राजू ने अजय को मिठाई का लालच देकर अपने गांव कटईडीह ले गया। घर पर अकेले पाकर उसने अजय का गला रेतकर सिर धड़ से अलग किया। सिर को तीन दिन तक तंत्र साधना के लिए घर पर रखा और फिर जमीन में दफना दिया। धड़ को बोरी में भरकर नाले के पास जलाया। घर में खून को गोबर और मिट्टी से छिपाया।

एक माह पहले राजू ने गांव में यह बात फैलाई कि वह बच्चे के बदले बच्चा देगा। इसी सुराग से पुलिस को फिर संदेह हुआ और सख्ती से पूछताछ में उसने अपराध कबूल लिया। बच्चे की खोपड़ी की डीएनए जांच के लिए भेज दी गई है।

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