कवर्धा के लोहारडीह अग्निकांड के आरोप में जेल में बंद विचाराधीन बंदी प्रशांत साहू के मौत के मामले में बुधवार दिनभर बवाल हुआ। कांग्रेस ने भाजपा सरकार, गृहमंत्री और पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए तो वहीं मृतक प्रशांत साहू के भाई ने पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया। रात लगभग 10 बजे मृतक प्रशांत साहू का कवर्धा जिला अस्पताल में मजिस्ट्रेट सुबोध मिश्रा और परिजनों की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम के बाद रातों रातशव को उसके गांव लोहारडीह भेजा गया।
घटना की सूचना मिलने पर देर शाम डिप्टी सीएम विजय शर्मा कवर्धा पहुंचे और मृतक के परिजन व गांव वालों से बात की।डिप्टी सीएम ने आईजी, डीजी और जेल अधिक्षक से स्थिति के संबंध में चर्चा की। रात 12 बजे विजय शर्मा ने पत्रकारों से बात की घटना में लापरवाही बरतने वाले IPS विकास कुमार सस्पेंड करने और मृतक परिवार को 10 लाख मुआवजा देने की घोषणा की।
जेल में बंदी की मौत की निष्पक्ष जांच
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि जेल में हुई मौत जांच का विषय है। कल भी जांच हुई थी। राजनांदगांव आईजी दीपक झा और डीजी को मामले की जांच के लिए भेजा गया था। डॉक्टर ने बताया कि हाथ का एक्सरे नॉर्मल आया है। आज भी पंचनामा हुआ है, जिसमें लोगों ने बताया कि चोट के निशान थे। पोस्टमॉर्टम हुआ है बिसरा फॉरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा गया है, उसकी रिपोर्ट होने पर पूरी बात स्पष्ट होगी।
डिप्टी सीएम ने माना कि आरोपियों के शरीर पर थे चोट के निशान
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया ये बात सामने आती है कि जेल के रिकॉर्ड के अनुसार जेल में दाखिल होते समय पांच आरोपियों के शरीर पर चोट के निशान थे। कुछ लोगों के शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस जवानों से जानकारी ली गई तो घटना को लीड कर रहे अधिकारी IPS विकास कुमार एएसपी कवर्धा का नाम आया। गांव वालों ने बताया कि बड़े अधिकारियों के निर्देश पर कुछ लोगों को पीटा गया। बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। विकास कुमार को निलंबित किया गया है। पीड़ित परिवार को मुआवजे की घोषणा सीएम ने की है। पीड़ित परिवार को सुरक्षा भी दी गई है।