दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया इनपुट्स के अनुसार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर पुलवामा जैसा बड़ा हमला करने की साजिश रच रहा है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में अपने नेटवर्क के ध्वस्त होने और कई सदस्यों के मारे जाने के बाद जैश हताश है और किसी बड़े धमाके की योजना बना रहा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक संगठन आत्मघाती हमलावर या वाहन बम के जरिए किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सुरक्षाबल के ठिकाने या भीड़भाड़ वाले इलाके को निशाना बना सकता है।
एजेंसियों ने यह अलर्ट औपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर सरकार को भेजा है। इसके बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। दक्षिण कश्मीर को विशेष रूप से अधिक संवेदनशील माना गया है, क्योंकि पुलवामा कांड भी यहीं की लेथपोरा इलाके में 14 फरवरी 2019 को हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैश उसी पैटर्न पर किसी बड़े वाहन बम का उपयोग कर सकता है।
सूत्र बताते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी हमले की योजना बना रहा है। इस पूरे षड्यंत्र के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन बताया जा रहा है। इसके बाद से केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां सभी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा चुकी हैं।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। हर गुजरते वाहन की जांच की जा रही है और पिछले कुछ महीनों में चोरी हुए वाहनों का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है ताकि किसी संभावित धमाके को रोकने में मदद मिल सके।
उधर, दिल्ली के लाल किले के निकट हुए हालिया आतंकी हमले के बाद माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटरा और माता के भवन में सुरक्षा उच्च स्तर पर कर दी गई है। सभी सुरक्षा चौकियों पर तलाशी को और कड़ा किया गया है। पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और बिना किसी बाधा के जारी रह सके।

