कृषि विश्वविद्यालय के आम महोत्सव में जापान का ‘मियाजाकी’ आकर्षण का केंद्र बना

Japan's 'Miyazaki' became the center of attraction in the mango festival of Agricultural University

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में दुनिया भर की 2,000 से अधिक आम की 200 से अधिक किस्मों का भव्य प्रदर्शन लगाई गई है। 450 से अधिक किसानों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों के गोल-मटोल आम से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की प्राचीन वैरायटी सिंधू और हूर पाकिस्तानी तक के फलों को सजाया है।

सबसे महंगा आकर्षण है जापान का ‘मियाजाकी’ आम, जिसकी एक-डेढ़ किलो वजनी कटौती की कीमत 3,45,000 रखी गई है। इस किस्म को सूरजपुर के कमलपुर बाग में कोल इंडिया के सेवानिवृत्त जीएम राजेंद्र प्रसाद गुप्ता उगा रहे हैं। गुलाबी रंग का यह आम विदेशी इम्पोर्टेड पौधों से तैयार प्लांटेशन में उगाया गया है, जिसकी सुरक्षा दो एलशेसियंस डॉग्स और सीसीटीवी कैमरों द्वारा की जा रही है।

महोत्सव में पाकिस्तान की ‘हूर पाकिस्तानी’ आम की नेम-प्लेट कुछ आपत्तियों के चलते हटा दी गई, जबकि ‘सिंधू’ नामक दूसरे पाकिस्तानी वैरायटी जिसे भारत में भी पर्याप्त रूप से उगाया जाता है का प्रदर्शन जारी है। इसका गुठली रहित आकार इसे खास बनाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए ‘हाथीझुल’ नामक बीजापुर की दोनियाली किस्म का दो किलो से चार किलो तक वजनी फल उठाया। डॉ. चंदेल ने बताया कि किसान यहां फल और पौधों की बिक्री भी कर रहे हैं। यह महोत्सव 9 जून तक आम जनता के लिए खुला रहेगा, जहां अनोखी किस्म और बीज रहित प्रजाति के आम देखने और खाने का मौका मिलेगा।

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