दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए 1 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। यह याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देती है, जिसमें विवादित स्थल से संबंधित एक अन्य पार्टी को सभी भक्तों का प्रतिनिधि मानने की अनुमति दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जस्टिस संजय कुमार और आलोक अराधे, ने कहा कि यह मामला विस्तृत सुनवाई की मांग करता है, इसलिए इसे अगले महीने के लिए स्थगित किया गया है। उल्लेखनीय है कि जुलाई में हाई कोर्ट ने विवादित स्थल से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने के लिए दायर अलग मुकदमे में एक अन्य हिंदू पार्टी को सभी भक्तों का प्रतिनिधि मानने की मंजूरी दी थी।
पीड़ित हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कोर्ट में बताया कि उनका मुकदमा सभी नागरिक मुकदमों के हाई कोर्ट में स्थानांतरित होने के बाद मुख्य मुकदमा माना गया था। उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को अनुचित बताया क्योंकि इसमें किसी अन्य पार्टी को बढ़ाना मूल याचिका के अनुरूप नहीं था।
इस विवाद का केंद्र शाही ईदगाह मस्जिद है, जिसे हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को ध्वस्त करके बनाया था। मथुरा में 20 से अधिक नागरिक मुकदमे हाई कोर्ट में स्थानांतरित हो चुके हैं और उनका निर्णय प्रतीक्षित है।
सुप्रीम कोर्ट पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रहा है, जिसमें हाई कोर्ट के 26 मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें मथुरा अदालत में लंबित सभी विवादों को हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। हिंदू पक्ष का यह भी कहना है कि उन्हें विवादित स्थल का परीक्षण अयोध्या में विवादित ढांचे की तर्ज पर मूल रूप से करना चाहिए। इस मामले की सुनवाई 1 दिसंबर को होगी, जो देश के प्रमुख धार्मिक और संवैधानिक विवादों में से एक माना जा रहा है।

