उच्च शिक्षा विभाग में डिजिटल सिग्नेचर से लाखों की धोखाधड़ी, अफसरों ने शुरू की गोपनीय जांच

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में लाखों का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला पूरी तरह से डिजिटल तरीके से किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने सोमवार को इस घोटाले की जांच शुरू की, लेकिन यह मामला इतना बड़ा था कि देर रात तक जांच पूरी नहीं हो सकी। टीम मंगलवार को फिर से जांच करेगी। यह मामला उच्च शिक्षा विभाग में डिजिटल घोटाले का पहला उदाहरण माना जा रहा है।

आरोप है कि क्षेत्रीय कार्यालय के एक कर्मचारी  ने उच्च शिक्षा आयुक्त के डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया। उसने इन हस्ताक्षरों का उपयोग करके ऐसे कर्मचारियों का वेतन जारी किया, जो वहां कार्यरत ही नहीं थे। इनमें से एक कर्मचारी रुसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत कार्यरत था।  कर्मचारी को वेतन कैश की बजाय ऑनलाइन भेजा जाता था, जिससे आरोपी द्वारा  उसे यह कहकर हर महीने पूरी राशि वापस ले ली कि विभाग ने उसके खाते में दो बार पैसे भेज दिए थे। इस तरह से कई वर्षों तक यह धोखाधड़ी चलती रही। विभाग अब यह जांच भी कर रहा है कि रुसा और क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों की इस घोटाले में कोई भूमिका तो नहीं थी।

दस्तावेज गायब, कर्मचारी भी लापता

उच्च शिक्षा विभाग को कर्मचारियों से शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। जांच टीम जब कार्यालय पहुंची तो आकाश श्रीवास्तव अनुपस्थित मिला और उससे संबंधित कई दस्तावेज भी गायब पाए गए। इस कर्मचारी के जिम्मे वित्तीय कार्य भी थे, इसलिए कई अनियमितताएं देर से सामने आईं।  मामले में विभागीय अधिकारियों ने जांच करने की बात बोली है।

 

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