लेह-लद्दाख हिंसा: सोनम वांगचुक के NGO का FCRA लाइसेंस रद्द, 50 गिरफ्तार, कर्फ्यू जारी

दिल्ली। लेह-लद्दाख में 24 सितंबर को हुए हिंसक आंदोलन के बाद स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। केंद्र सरकार ने सक्रिय कदम उठाए हैं। हिंसा के मामले में अब तक पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। लगातार तीसरे दिन इलाके में कर्फ्यू जारी है। स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक कर कहा कि हिंसा एक साजिश के तहत भड़काई गई।

उधर, सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के एनजीओ का विदेशी फंडिंग लाइसेंस (FCRA) रद्द कर दिया गया है। सोनम ने कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने हिंसा भड़काने के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनकी संस्थाएं HIAL और SECMOL विदेशी चंदे पर निर्भर नहीं हैं। ये संस्थाएं जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा देती हैं। HIAL में छात्रों को प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए स्टाइपेंड भी दिया जाता है।

सीबीआई ने सोनम के एनजीओ के अकाउंट्स और रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जांच में यह देखा जा रहा है कि विदेशी चंदे के लिए जरूरी मंजूरी ली गई थी या नहीं। करीब 10 दिन पहले सीबीआई की टीम गृह मंत्रालय के आदेश पर एनजीओ पहुंची थी।

हिंसा को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने लद्दाख और करगिल में BNS की धारा 163 लागू कर दी है। अब बिना प्रशासन की अनुमति कोई रैली, जुलूस या मार्च नहीं कर सकता। CRPF की चार अतिरिक्त कंपनियां कश्मीर से लद्दाख भेजी गई हैं, साथ ही ITBP की चार और कंपनियां भी भेजी जा रही हैं। लोगों से सोशल मीडिया पर पुराने या भड़काऊ वीडियो साझा न करने की अपील की गई है।

24 सितंबर के आंदोलन में चार लोगों की मौत हुई थी। इस हिंसा में 80 से ज्यादा आंदोलनकारी और 30 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। केंद्र सरकार की यह कार्रवाई शांति बहाल करने और स्थिति नियंत्रण में रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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