लद्दाख में सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों को मिलेगा 95 प्रतिशत आरक्षण

लद्दाख की सरकारी नौकरियों के लिए लद्दाख के लोगों को आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार राजी हो गई है। लद्दाख से निर्दलीय सांसद हनीफा जन ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। हनीफा जन ने कहा, ”केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लेह एपेक्स बॉडी (LAP) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के प्रतिनधियों के साथ बैठक की, जिसमें आरक्षण को लेकर फैसला लिया गया।

इस फैसले की डिटेल्स अगली मीटिंग में फाइनल होगी, जो 15 जनवरी को होगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि लेह और कारगिल की अलग-अलग लोकसभा सीट पर फैसला जनगणना के बाद किया जाएगा। दरअसल, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था, जिसमें से एक लद्दाख था।

इसके बाद 2 संगठन- KDA और LAP ने लद्दाख के लोगों के लिए ऑटोनॉमी की मांग की। स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण और लेह-कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट की मांग के लिए कई आंदोलन हुए। लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने और लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की भी मांग रखी गई। सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी इन संगठनों से जुड़े। उन्होंने भी कई आंदोलन किए। मंगलवार की मीटिंग में पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची पर हुई चर्चा को लेकर डिटेल्स सामने नहीं आई है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मीटिंग में हनीफा जन, नित्यानंद राय के अलावा होम सेक्रेटरी गोविंद मोहन, पूर्व भाजपा सांसद थुपस्तन छेवांग, गृह मंत्रालय के अधिकारी, लेह अपेक्स बॉडी के 8 और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के 8 प्रतिनिधि शामिल हुए। मीटिंग में आरक्षण-लोकसभा सीट के अलावा 4 अन्य मांगों पर भी केंद्र सहमत हो गया।

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