महतारी वंदन योजना,आर्थिक सशक्तिकरण की नई राह

रायपुर। छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना ने महासमुंद जिले के सिरपुर क्षेत्र की कमार जनजातीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक नया रास्ता दिखाया है। यह योजना उनके जीवन में बदलाव का कारण बनी है, जिससे अब वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

सिरपुर की निवासी  केंवरा कमार पहले बांस शिल्प कारीगरी पर निर्भर थीं, जो उनकी आजीविका का मुख्य साधन था। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप हो गया था। बाजार में प्रतिस्पर्धा और सीमित संसाधनों के कारण उनके लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा था। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग से उन्हें 1000 रुपये प्रति माह की सहायता राशि मिली, जिससे उनकी जिंदगी में बदलाव आया। इस राशि से उन्होंने बांस, रस्सी और अन्य जरूरी सामग्री खरीदकर अपना व्यवसाय फिर से शुरू किया। अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सक्षम हैं।

इसी प्रकार, सिरपुर की भामिनी गोस्वामी ने इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी का भविष्य संवारने का काम किया है। वे हर महीने मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को सुकन्या समृद्धि योजना में जमा कर रही हैं। इस छोटी-सी बचत से उनकी बेटी का भविष्य अब सुरक्षित और उज्जवल बनता जा रहा है। भामिनी कहती हैं, “पहले हम अपनी बेटी के भविष्य के लिए बचत नहीं कर पाते थे, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमें यह मौका दिया है कि हम अपनी बेटी को अच्छा भविष्य दे सकें।” महतारी वंदन योजना केवल एक आर्थिक सहायता योजना नहीं, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का माध्यम भी बन रही है। खासकर दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है।

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