भारत में वैवाहिक बलात्कार को अब भी मान्यता नहीं: हाईकोर्ट

इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक महिला की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने पति पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि भारत में “वैवाहिक बलात्कार” को अभी तक कानूनन अपराध नहीं माना गया है।

क्या था मामला

एक महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया कि उसने जबरदस्ती अप्राकृतिक संबंध बनाए। यह केस IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के तहत दर्ज हुआ था। निचली अदालत ने पति को बरी कर दिया था। इसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में दोबारा मामला दायर किया, जिसे अब खारिज कर दिया गया।

हाईकोर्ट ने क्या कहा

अगर पति-पत्नी के बीच संबंध हैं और वे शादीशुदा हैं, तो ऐसे मामलों में धारा 377 लागू नहीं होती। भारतीय कानून (IPC की धारा 375) में वैवाहिक बलात्कार को अपराध नहीं माना गया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक कानून में बदलाव नहीं होता, तब तक ऐसे मामलों में सजा नहीं दी जा सकती।  भारत में पति द्वारा पत्नी के साथ जबरदस्ती बनाए गए यौन संबंधों को वैवाहिक बलात्कार नहीं माना जाता, अगर पत्नी 18 साल से ऊपर है। कानून में अभी तक वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में मान्यता नहीं मिली है, इस पर बहस जारी है।

 

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