अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा बलों की मॉक ड्रिल, हाईटेक इंतजाम शुरू

दिल्ली। 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बालटाल बेस कैंप में सुरक्षा एजेंसियों ने मॉक ड्रिल की। इसमें सेना, CRPF, पुलिस, NDRF, SDRF, स्वास्थ्य विभाग और फायर ब्रिगेड की टीमें शामिल रहीं।

इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं। यात्रा मार्ग पर बने जंगलों के ढोक (अस्थायी झोपड़ियों) की जियो टैगिंग की जा रही है। बिना पुलिस वैरिफिकेशन के अब कोई ढोक बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। UAV सर्विलांस, मोबाइल जैमर और AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को भी सक्रिय किया गया है।

बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया गया है, जो आतंकियों या संदिग्धों की पहचान कर अलर्ट देगा। इस बार लगभग 58,000 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। काफिले की सुरक्षा के लिए पहली बार जैमर लगाए जाएंगे और घोड़े-खच्चरों की टैगिंग भी होगी, ताकि रूट से हटने पर ट्रैक किया जा सके।

श्रद्धालुओं के लिए RFID कार्ड, मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार और आवश्यक दस्तावेज साथ रखना जरूरी होगा। प्रशासन ने सभी यात्रियों को ट्रैकिंग स्टिक, रेनकोट और ऊनी कपड़े साथ रखने की सलाह दी है। अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमानी शिवलिंग का प्राकृतिक निर्माण एक प्रमुख आकर्षण होता है, जो बर्फ की बूंदों से गुफा में आकार लेता है। समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुफा, शिवभक्तों की आस्था का केंद्र है।

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