रायपुर। सूदखोरी, उगाही, हत्या के प्रयास और एक्सटॉर्शन जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर की पुलिस रिमांड अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई। इसके बाद उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपी को 27 नवंबर को पुनः पेश किया जाए।
पुलिस ने अदालत को बताया कि पांच दिन की रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर पूछताछ की गई। कुछ तकनीकी बिंदुओं पर अभी भी जांच जारी है और आगे की कार्रवाई न्यायिक हिरासत के दौरान जारी रहेगी।
कोर्ट परिसर में भारी हंगामा
वीरेंद्र तोमर की अदालत में पेशी की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता कोर्ट परिसर पहुंच गए। समर्थकों ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और माहौल कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा।
उधर, आरोपी का भाई और हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके खिलाफ भी सूदखोरी, रंगदारी व अवैध हथियार रखने जैसे कई मामले दर्ज हैं और उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
पूर्व से ही आरोपों से घिरा रहा है वीरेंद्र
वीरेंद्र तोमर पर लंबे समय से धमकी देकर पैसे उगाहने, अवैध सूदखोरी के जरिए लोगों का शोषण करने और विरोध करने पर जानलेवा हमले करवाने जैसे गम्भीर आरोप लगे हैं। हाल ही में उसकी गिरफ्तारी के बाद कई नए तथ्य और सबूत सामने आए हैं, जिनकी जांच पुलिस अब न्यायिक रिमांड के दौरान आगे बढ़ाएगी।
यह मामला पुलिस और कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि इससे जुड़े कई कड़ियां अभी भी सामने आनी बाकी हैं।

