दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र 4 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। यह दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद तीसरा सत्र होगा। इस बार का सत्र कई कारणों से खास माना जा रहा है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है, कि इस बार विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह पेपरलेस यानी डिजिटल माध्यम से होगी।
विधानसभा में पेपरलेस कामकाज सुनिश्चित करने के लिए विधायकों को नई तकनीक पर काम करने की ट्रेनिंग दी गई है। सभी विधायकों को आईपैड और मोबाइल के माध्यम से ई-वर्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर और ई-विधान प्रणाली (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन – NeVA) को लागू किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि सत्र से पहले NeVA प्रणाली पूरी तरह लागू हो जाएगी, जिससे सदन में किसी भी दस्तावेज की प्रिंट कॉपी की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम न केवल पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि कागज की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा को पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित करने की योजना भी अमल में लाई जा रही है। विधानसभा परिसर में 500 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया गया है, जिसका संचालन मानसून सत्र के दौरान शुरू किया जाएगा। इससे ऊर्जा की बचत होगी और विधानसभा की कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है।