छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर दिन पे दिन अपराध ग्राफ बढ़ रहा है। हत्या, लूट, चोरी और चाकूबाजी की घटना शहर में आम हो गई है। लॉ एंड आर्डर में लापरवाही के चलते पुलिस अधिकारियों ने दो थानेदारों पर कार्रवाई की है।
दर्जनों अपराधियों को पकड़ा है, लेकिन संगठित तरह से गिराेह चलाने वाले हिस्ट्रीशीटरों पर ठोस कार्रवाई पुलिस नहीं कर पा रही है। पुलिस कर्मियों की इस रवैये के कारण कभी छोटे-मोटे बदमाश रहे आरोपी अब गैंग बनाकर शहर का अपराध ग्राफ और पुलिस के सिर का दर्द दोनो बढ़ा रहे है। अब देखना यह है, कि गैंग बनाकर अपराध करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस क्या रणनीति अपनाएगी।
गोलीकांड के दो और संदेही गिरफ्तार
रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर फायरिंग के मामले में पुलिस ने मंगलवार को 4 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी गोलीकांड से सीधे जुड़े है। इस मामले में रायपुर पुलिस की 10 टीम करीब 32 घंटे के भीतर अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें वे मुख्य आरोपी भी है, जिसने फायरिंग की थी। इस कामयाबी के लिए रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने जांच टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को 25 हजार और एसएसपी ने 10 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।
हर इलाके में बदमाशों का गैंग और गुट
जेल गेट पर हुए शूटआउट के बाद पड़ताल की तो पता चला कि शहर में कोई बड़ा गैंग तो अभी सक्रिय नहीं है। लेकिन हर इलाके में बदमाशों ने अपना छोटा-छोटा गुट बना लिया है। वही गुट धीरे-धीरे गैंग का रुप लेते जा रहा है। इन गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। एक-दूसरे पर लगातार हमला भी कर रहे हैं। टिकरापारा के साहिल गैंग ने सेंट्रल जेल के गेट पर जिस शेख साहिल उर्फ कोंदा को गोली मारी, उसका भी खुद का गुट है। उसके गुट में तीन भाइयों और रिश्तेदारों के अलावा उनके घर के आसपास रहने वाले बदमाश भी शामिल हैं।
छोटा अन्नू गैंग : छोटा अन्नू उर्फ अनवर की मौत हो गई। लेकिन उसके भाई गफ्फार खान, भतीजा छोटा साहिल, शाहरुख और बेटे शाहनवाज उर्फ शानू महाराज अपना गुट चला रहे है। गांजा और सूखे नशे की तस्करी कर रहे है। इनका कई लोगांे से विवाद चल रहा है।
रक्सेल गैंग : मौदहापारा निवासी संजय रक्सेल और उसके भाइयों के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा केस दर्ज है। संजय की हत्या के बाद से उसके भाई सक्रिय हैं। इस गैंग में भी कुछ नाबालिग शामिल है। इस गैंग के सदस्य मौदहापारा, कबीर नगर सक्रिय हैं।
डीएम ग्रुप : डीडी नगर इलाके में दिलीप मिश्रा सक्रिय है। उस पर हत्या की कोशिश समेत कई मामले दर्ज हैं। उसे डीएम के नाम से जाना चाहता है। नवा रायपुर के एक पब में उसने प्रभावशाली राजनेता के रिश्तेदार पर गोली चला दी थी।
ईरानी गुट : राजातालाब के ईरानियों का अपना गुट है। अब यह गुट सड्डू बीएसयूपी में सक्रिय है। इसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग हैं। इनके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज है। यह गुट सूखे नशे के गोरख धंधे में लिप्त है। नेताओं के लिए पैसा वसूली भी करते हैं।
आरएस गुट : कोतवाली के निगरानी बदमाश रवि साहू उर्फ आरएस और मुकेश गुप्ता उर्फ बनिया का अपना गुट है। यह गुट गांजा की तस्करी, अवैध शराब बेचने के साथ सट्टा चलाता है। इनका कई गुटों से विवाद चल रहा है। यह गुट लगातार सक्रिय है।
रहमानिया गुट : रहमानिया चौक के कुछ लड़कों ने मिलकर अपना गुट बनाया है। मारपीट और चाकूबाजी की घटनाएं करते रहते हैं। सेजबहार का आसिफ गुट सेजबहार के आसिफ और मोहसिन का अपना गुट है। हत्या और चाकूबाजी की कई घटनाएं कर चुके हैं।