मन्नतों के बाद भी नहीं हुआ बेटा; मां ने बेटी को टंकी में डुबोकर मार डाला, जज ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

भोपाल। भोपाल में एक महीने की बेटी की हत्या करने वाली मां को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपी महिला को बेटे की चाह थी और बेटी होने पर उसने बच्ची को पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला था।

कोर्ट ने इस पांच साल पुराने मामले में उसे दोषी करार देते हुए जुर्माना भी लगाया। घटना 16 सितंबर 2020 की है, जब एक महीने की बच्ची, किंजल, अचानक लापता हो गई थी। बच्ची के पिता सचिन मेवाड़ा ने अपनी पत्नी से पूछा, तो उसने कहा कि बच्ची को प्रेतात्माएं ले गईं हैं। बाद में बच्ची की लाश एक पानी के ड्रम में मिली, जिसका ढक्कन बंद था। बच्ची की मां, सरिता बाई मेवाड़ा ने पूछताछ में बताया कि

उसे बेटे की चाहत थी। बेटी होने के कारण उसे बच्ची से नफरत हो गई थी। सरिता ने कहा कि वह जब भी अपनी बेटी को देखती थी, तो खुद को कोसने लगती थी, इसीलिए उसने बच्ची को पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला।

कोर्ट का फैसला

भोपाल के अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने इस मामले में कवि रविंद्र नाथ टैगोर की पंक्तियां शामिल करते हुए कहा, “जब एक पुत्री का जन्म होता है तो यह इस बात का सबूत है कि ईश्वर मानव जाति से अप्रसन्न नहीं है, क्योंकि बेटियां समाज और संस्कृति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।” कोर्ट ने मां को उम्रकैद की सजा देते हुए इस जघन्य अपराध को गंभीरता से लिया।

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